के. वी. कामथ

K V Kamath Biography in Hindi

जन्म: 2 दिसंबर 1947, मंगलौर, कर्नाटक

व्यवसाय/पद/कार्य: आईसीआईसीआई बैंक के गैर-कार्यकारी चेयरमैन, ब्रिक्स बैंक के पहले चेयरमैन

के वी कामथ भारतीय बैंकिंग क्षेत्र के दिग्गजों में से एक हैं। वो निजी क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक आईसीआईसीआई बैंक के पूर्व प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी रह चुके हैं और वर्तमान में वह इसके गैर-कार्यकारी चेयरमैन हैं। केवी कामथ जून 2015 में उभरते विकासशील देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) देशों द्वारा स्थापित किए जा रहे 50 अरब डॉलर के न्यू डवेलपमेंट बैंक (एनडीबी ) के मुखिया चुने गए।

के. वी. कामथ
स्रोत: World Economic Forum from Cologny, Switzerland

कामथ देश की दूसरी सबसे बड़ी आई टी कंपनी, इनफ़ोसिस लिमिटेड के भी चेयरमैन रह चुके हैं। उन्होंने अपनी कुसाग्रता से भारतीय बैंकिंग क्षेत्र का आधुनिकीकरण किया। ‘यूनिवर्सल बैंकिंग’ और कर्मचारियों के उचित प्रबंधन के जरिये उन्होंने भारत के बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया। वह हॉस्टन-स्थित तेल कंपनी स्च्लुम्बेर्गेर और भारतीय बहुराष्ट्रीय फार्मा कंपनी ‘लूपिन’ के भी स्वतंत्र निदेशक रह चुके हैं।

प्रारंभिक जीवन

कामथ का जन्म 2 दिसम्बर 1947 को कर्नाटक के मंगलौर में एक गौड़ सारस्वत ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम विश्वनाथ कामथ था। उन्होंने अपना बचपन मुख्यतः मंगलौर में ही बिताया। उनकी प्रारंभिक शिक्षा कन्नड़-माध्यम स्कूल में हुई। मैट्रिकुलेशन के बाद उन्होंने अपना पीयूसी सेंट अलोयसिउस कॉलेज से पूरा किया। प्री-यूनिवर्सिटी (पीयूसी) के बाद उन्होंने नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी कर्नाटक, सुरथकल, में मैकेनिकल इंजीनियरिंग विषय में दाखिला लिया। वर्ष 1969 में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी, सुरथकल, से उन्होंने स्नातक की परीक्षा पास की और प्रबंधन की शिक्षा के लिए इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद, में दाखिला लिया।

कैरियर

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद, से प्रबंधन की शिक्षा पूरी करने के बाद कामथ ने वर्ष 1971 में आईसीआईसीआई (इंडस्ट्रियल क्रेडिट एंड इन्वेस्टमेंट कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया) के साथ अपने करियर की शुरुआत की। आईसीआईसीआई में ‘प्रोजेक्ट फाइनेंस’ से लेकर उन्होंने धीरे-धीरे संस्था के लगभग हर विभाग में कार्य किया। वहां उन्होंने प्रबंधन की जिम्मेदारियां भी संभाली और इसी के तहत आईसीआईसीआई के कार्य-प्रणाली का कम्प्यूटरीकरण भी प्रारम्भ किया। इस प्रकार उन्होंने आईसीआईसीआई में कम्प्यूटरीकरण प्रारंभ कर भारत के बैंकिंग क्षेत्र में बड़ा बदलाव किया।

वर्ष 1988 में कामथ एशियन डेवलपमेंट बैंक, मनीला (फिलीपींस), चले गए जहाँ उन्होंने बैंक के ‘प्राइवेट सेक्टर’ विभाग में कार्य किया। एशियन डेवलपमेंट बैंक में कार्य करते हुए उन्होंने चाइना, भारत, फ़िलीपीन्स, बांग्लादेश, इंडोनेशिया और वियतनाम के कई वित्तीय परियोजनायों पर काम किया। उन्होंने कंपनियों के बोर्ड पर एशियन डेवलपमेंट बैंक के प्रतिनिधि के तौर पर कार्य किया।

वर्ष 1996 में कामथ आईसीआईसीआई में प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में वापस आ गए। यहाँ आकर उन्होंने समूह की सेवावों को रिटेल ग्राहकों तक फैलाया। वर्ष 1996 और 1998 के मध्य उनके नेतृत्व में आईसीआईसीआई ने कई ‘नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों’ का अधिग्रहण किया, जिसने ‘आईसीआईसीआई बैंक’ के स्थापना का मार्ग प्रसस्त किया।

मई 2011 में उन्हें भारत के दूसरे सबसे बड़े सॉफ्टवेयर निर्यातक ‘इनफ़ोसिस’ का गैर-कार्यकारी अध्यक्ष चुना गया।

कामथ बहुत से शिक्षण संस्थानों के गवर्निंग बोर्ड के सदस्य भी हैं। इनमें प्रमुख हैं इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, अहमदाबाद, इंडियन स्कूल ऑफ़ बिज़नस, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ़ बैंक मैनेजमेंट, पंडित दीनदयाल पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी और गांधीनगर मनिपाल अकैडमी ऑफ़ हायर एजुकेशन। इसके अलावा वह इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ मैनेजमेंट, इंदौर, के गवर्निंग बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं।

कामथ कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ इंडियन इंडस्ट्री (सीआईआई) के राष्ट्रिय समिति के सदस्य भी हैं।

जून 2015 में केवी कामथ को उभरते विकासशील देश ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका (ब्रिक्स) देशों द्वारा स्थापित किए जा रहे 50 अरब डॉलर के न्यू डवेलपमेंट बैंक (एनडीबी ) का प्रमुख नियुक्त किया गया।

सम्मान और पुरस्कार

  • द एशियन बनकर जर्नल ऑफ़ सिंगापोर द्वारा ‘एशियन बैंकों के सबसे e-savvy CEO
  • मुंबई मैनेजमेंट एसोसिएशन द्वारा ‘फाइनेंस मैन ऑफ़ द इयर’ सम्मान
  • वर्ल्ड एचआरडी कांग्रेस द्वारा ‘बेस्ट सीइओ फॉर इनोवेटिव एचआर प्रक्टिसेस’
  • एशियन बिज़नस लीडर सम्मान 2001 में ‘ एशियन बिज़नस लीडर ऑफ़ द इयर’ से सम्मानित
  • सीएनबीसी-टीवी18 द्वारा ‘आउटस्टैंडिंग बिज़नस लीडर ऑफ़ द इयर’ सम्मान, 2006
  • बिज़नस इंडिया द्वारा ‘बिजनेसमैन ऑफ़ द इयर’, 2005 से सम्मानित
  • द इकनोमिक टाइम्स द्वारा ‘बिजनेसमैन ऑफ़ द इयर’, 2007 घोषित
  • प्रसिद्ध पत्रिका फोर्ब्स एशिया ने ‘बिजनेसमैन ऑफ़ द इयर’ चुना
  • भारत सरकार द्वारा सन 2008 में पद्मभूषण से सम्मानित